लेखक परिचय – श्री विनोद रस्तोगी का जन्म शम्साबाद, जिला फर्रुखाबाद में सन् 1923 में हुआ था उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा शम्साबाद में पायी । इन्होंने फर्रुखाबाद से हाईस्कूल किया और इण्टर तथा बी.ए.कानपुर से किया। इन्होंने अपना लेखन कार्य कविताओं और कहानियों से शुरू किया। फिर सन् 1950 से इन्हांने नाटक लेखन के क्षेत्र में प्रवेश किया और एक सफल नाटककार के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ दी। विनोद जी ने सामाजिक समस्याओं को आधार बनाकर अनेक नाटक लिखे। ‘नये हाथ’, “आज़ादी के बाद’, ‘तूफ़ान और तिनका’, ‘ठण्डी आग’, ‘दरारें’, ‘रुपया’, ‘रूप और रोटी’ इनके सफल नाटक रहे। इसके अतिरिक्त इन्होंने ‘जिन्दगी के गीत’, ‘पुष्प का पाप’ आदि रचनाओं के द्वारा सामाजिक कुरीतियों पर भी टीका टिप्पणी करने में चूक नहीं की। बहू की विदा’ नाटक में ऐसी ही एक सामाजिक समस्या, तनाव और संघर्ष को इन्होंने दर्शाया है। ‘निर्माण देवता’, ‘काले कौवे, गोरे हंस’, ‘गोवा का दान’, ‘भगीरथ के बेटे’, ‘रोटीवाली गली’ भी इनके उत्कृष्ट नाटक रहे हैं। कथानक – जीवनलाल एक धनी व्यापारी थे; पर वे जितने धनी थे, उससे अधिक लोभी थे। उनके बेटे रमेश का व...
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